ओम जय शिव ओंकारा की आरती | Om Jai Shiv Omkara Ki Aarti
शिवजी की आरती ओम जय शिव ओंकारा भक्तों के बीच अत्यंत प्रिय है। शिवजी की आराधना और पूजन में इस आरती का गान विशेष महत्व रखता है। यहां पर हम आपके लिए पूरी आरती और उसके पीछे के महत्व को विस्तार से प्रस्तुत कर रहे हैं।
ओम जय शिव ओंकारा की आरती का महत्व | Importance of Om Jai Shiv Omkara Aarti
शिव जी की आरती "ओम जय शिव ओंकारा" का महत्व हर शिव भक्त के दिल में गहरा बसा है। यह आरती शिव की महिमा का गुणगान करती है और भक्ति के माध्यम से शिव के प्रति प्रेम और श्रद्धा व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है।
ओम जय शिव ओंकारा की आरती | Om Jai Shiv Omkara Ki Aarti |
नियमित रूप से इस आरती का गान करने से भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
आरती से प्राप्त होने वाले लाभ | Benefits of Chanting Shiv Ji Ki Aarti
- शांति और मानसिक स्थिरता: शिव जी की आरती करने से मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है।
- नेगेटिविटी दूर होती है: नियमित आरती से घर से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक माहौल बनता है।
- भक्ति की अनुभूति: इस आरती के माध्यम से भगवान शिव के प्रति भक्ति भाव प्रबल होता है।
ओम जय शिव ओंकारा आरती के बोल | Lyrics of Om Jai Shiv Omkara Aarti
नीचे शिव जी की आरती के संपूर्ण बोल दिए गए हैं ताकि आप इसे आसानी से पढ़ और गा सकें:
ॐ जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव, अर्द्धांगी धारा।
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे,
हंसासन गरुड़ासन, वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा...
ॐ जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव, अर्द्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा...
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे
हंसासन गरुड़ासन, वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा...
दोभुज चार चतुर्भुज, दसभुज अति सोहे
तीन रूप निरखते, त्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव ओंकारा...
अक्षमाल बनमाला, मुदंगल सोहै
सारंग चाप धर, श्री अंग शोभे॥
ॐ जय शिव ओंकारा...
श्वेतांबर पीतांबर, बाघंबर अंगे
सनकादिक गरुणादिक, भूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा...
कर के मध्य कमंडलु, चक्र त्रिशूलधारी
सुखकारी दुखहारी, जगपालन कारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा...
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, जानत अविवेका
प्रणवाक्षर में सोई, तीनों एका॥
ॐ जय शिव ओंकारा...
क्षर अक्षर में तू ही, नित्यमृत्यु तारा
ॐ जय शिव ओंकारा...
ॐ हर हर शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा...
शिवजी की आरती का सही समय और विधि | Best Time and Method for Shiv Ji Ki Aarti
शिवजी की आरती करने का सर्वोत्तम समय सुबह और शाम का होता है। यदि संभव हो, तो सोमवार के दिन यह आरती विशेष रूप से की जानी चाहिए। ध्यान रहे कि आरती के समय शुद्धता और भक्ति भाव बनाए रखें। आरती के लिए दीपक, अगरबत्ती, और चंदन का उपयोग करें ताकि वातावरण पवित्र हो सके।
आरती करने का सही तरीका | How to Perform Aarti
- पहले शिव जी की प्रतिमा को गंगा जल से स्नान कराएं।
- फूल, बेलपत्र और धूप अर्पित करें।
- दीप जलाकर ओम जय शिव ओंकारा का गान करें।
आरती के दौरान ध्यान देने योग्य बातें | Important Tips for Performing Aarti
- आरती को पूरे मन से करें ताकि शिव जी की कृपा प्राप्त हो सके।
- आरती समाप्त करने के बाद प्रसाद का वितरण करें।
- आरती के दौरान ध्यान केंद्रित करें और किसी अन्य गतिविधि में व्यस्त न रहें।
निष्कर्ष | Conclusion
ओम जय शिव ओंकारा आरती शिव जी के प्रति हमारी भक्ति का प्रतीक है। यह आरती शिव जी की महिमा का वर्णन करती है और शिव भक्तों को आध्यात्मिक शांति, संतोष और सफलता प्रदान करती है। इस आरती का नियमित अभ्यास शिव जी की कृपा प्राप्त करने का उत्तम साधन है।